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चाईबासा में जोबा मांझी की सौ फीसदी जीत पक्की, मधु कोड़ा का नहीं चलेगा जादू– दीपक बिरुआ

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द फॉलोअप डेस्क
चाईबासा से झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी जोबा मांझी ने पर्चा दाखिल किया। नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ प्रदेश के सीएम चंपई सोरेन, पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, कल्पना मुर्मू सोरेन और चाईबासा विधायक दीपक बिरूआ शामिल हुए। जोबा मांझी के नामांकन की पूर्व संध्या पर दीपक बिरुआ ने द फॉलोअप से खास बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने सिंहभूम सीट से उन्हें टिकट नहीं मिलने, इंडिया गठबंधन में प्रत्याशी बदलने, ईचागढ़ डैम निर्माण और विस्थापन सहित चुनाव में माहौल के सभी सवालों का खुलकर जवाब दिया। 


गीता कोड़ा 5 साल से सांसद लेकिन कभी नहीं किया 
ये पूछे जाने पर कि चाईबासा में जोबा मांझी के साथ आपकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है क्योंकि आप विधायक हैं, दीपक बिरुआ ने कहा कि ऐसी बात नहीं है। सवाल प्रतिष्ठा का नहीं है। लोग मुझे जानते हैं, समझते हैं कि मैं किसी बात को प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ता। हां! चाईबासा में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे जोबा मांझी को जिताने के लिए मेहनत करें। कुछ दिन पहले गम्हरिया में बीजेपी प्रत्याशी गीता कोड़ा को कथित जेएमएम कार्यकर्ताओं ने घेर लिया था। सोमवार को पर्चा दाखिल करने के बाद गीता कोड़ा ने आरोप लगाया कि जेएमएम वालों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वे गुंडई की राजनीति करने लगे। इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर दीपक बिरुआ ने कहा कि ये बेबुनियाद है। वो 5 साल से सांसद हैं। उन्होंने ग्रामीण इलाकों का दौरा नहीं किया। क्षेत्र की समस्या से रूबरू नहीं होती इसलिए लोग नाराज हैं। उस दिन गांव में महिलाओं ने पेयजल की दिक्कत से अक्रोशित होकर उन्हें घेर लिया था। सवाल पूछ रही थीं। दीपक बिरुआ ने बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं के कपड़े फाड़ने और मारपीट की घटना से भी इनकार किया है। 
बीजेपी आदिवासियों में फूट डालना चाहती है
चाईबासा में हो आदिवासी समाज से किसी व्यक्ति को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने और समाज में नाराजगी के सवाल पर दीपक बिरुआ ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं है कि इस संसदीय सीट में हो आबादी है लेकिन, नाराजगी की बात गलत है। उन्होंने इसे बीजेपी का प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा कि वो आदिवासियों में फूट डालना चाहती है। उन्होंने कहा कि कहां संथाल आबादी थी वहां उरांव जीते। इसी चाईबासा में कृष्णा मारडी जीते। पार्टी ताजा स्थिति और राजनीतिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर कोई भी फैसला लेती है। उन्होंने कहा कि विवाद हो या संथाल का नहीं है। बात, झारखंड में आदिवासी कल्याण की है। 


मधु कोड़ा निश्चितरूप से बड़ा नाम लेकिन इलाके में मेरी फेस वैल्यू है 
खुद को एक्सीडेंटल मंत्री कहे जाने के सवाल पर मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि ऐसा कहना सही नहीं होगा। पहली सरकार में कुछ लोगों को मौका मिला था। अब नई सरकार बनी तो फिर मुझे मौका मिला। जब दीपक बिरुआ से पूछा गया कि मधु कोड़ा इलाके में बड़ा नाम हैं। राजनीति साधने में उनको जादूगर कहा जाता है। उनका यहां वोट बैंक भी है तो क्या ये गठबंधन के उम्मीदवार के लिए कड़ी चुनौती नहीं है। दीपक बिरुआ ने कहा कि मधु कोड़ा विधायक, सांसद, मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं तो निश्चित रूप से बड़ा नाम हैं। उनकी एक फेस वैल्यू है लेकिन, यहीं इस इलाके में उनको हार भी मिली है। पिछली बार तो गीता कोड़ा जेएमएम के कंधे पर सवार होकर जीत गईं। उनका यहां कोई जनाधार नहीं था लेकिन, जेएमएम कार्यकर्ताओं ने अपनी मेहनत से उनको जिताया। इस बार उन्हें भी थोड़ा धरातल की सच्चाई का पता चलेगा। 
सियासत में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती
इस सवाल पर कि चाईबासा में विधानसभा की 5 रिजर्व सीटें हैं तो क्या आम चुनाव में परिणाम अनुकूल रहेगा? दीपक बिरूआ ने कहा कि ये जनता को तय करना है। सियासत में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। पिछली बार तो पूरे देश में बीजेपी की लहर थी, बावजूद इसके कोल्हान में हार मिली। उन्होंने कहा कि मैं कोल्हान का मूड जानता हूं। यहां मधु कोड़ा की जादूगरी नहीं चलेगी।


ईचागढ़ डैम विस्थापन पर क्या बोले दीपक बिरुआ
ईचागढ़ डैम विस्थापन और उसके विरोध के वादे के सवाल पर दीपक बिरुआ ने कहा कि ये एक बहुउद्देशीय परियोजना है। 3 राज्य इससे जुड़े हैं। मैंने हमेशा डूब क्षेत्र और विस्थापन के मुद्दे पर नागरिकों के हक में आवाज उठाई है। वैसे भी ये केंद्र विषय का मामला है। प्रदेश में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने यहां डैम का काम दोबारा शुरू कराया। हमने टीएसी की बैठक में ये मुद्दा उठाया। ईचागढ़ डैम विस्थापन के सवाल पर अलग कमिटी बनाई। कहा कि लाखों आदिवासियों का विस्थापन होगा। कृषि तबाह हो जायेगी। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पेसा कानून और ग्राम सभा नियमों का हवाला देकर काम पर रोक लगाई थी लेकिन बीजेपी ने कानून बनाकर इसे पलट दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी मैं लगातार इसके खिलाफ बोलता हूं और जरूरत पड़ी तो सरकार में रहते हुए भी इसका विरोध करूंगा।

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